प्रेमगीत
प्रेम गीत
तुमने मैने सबने
विद्यापति से
पहले और बाद
सबने गाया
जीवन का
अमृत है
सब कुछ
सराबोर है
जीवन का
आधार है
छल कपट
का भान नहीं
प्रेम सुधा कवि
मुनियों की कलम
से लिखी एक
अभिव्यक्ति है
प्रेम को मारग
अति सुधो है
नेकु सयानप
बांक नाही
डॉ मधु त्रिवेदी