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15 Feb 2017 · 1 min read

प्रेमगीत

प्रेम गीत
तुमने मैने सबने
विद्यापति से
पहले और बाद
सबने गाया

जीवन का
अमृत है
सब कुछ
सराबोर है
जीवन का
आधार है

छल कपट
का भान नहीं
प्रेम सुधा कवि
मुनियों की कलम
से लिखी एक

अभिव्यक्ति है
प्रेम को मारग
अति सुधो है
नेकु सयानप
बांक नाही

डॉ मधु त्रिवेदी

Language: Hindi
74 Likes · 545 Views
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