Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Feb 2021 · 1 min read

प्रीत

जीवन उपवन में बसन्त का आगाज तुम
हृदय में नव राग सा मधुर संगीत हो
प्यासे नयनों में झरता झर प्रिये तुम
मधुर स्मृतियों में सुखद अहसाह हो

नीरस जीवन में रस भर आता तुम संग
विपदाओं का हो शोर घना चाहे हर पग
सहज सुलझ जाती राहें जो अनजानी सी
विश्वास और प्रेम से तुम संग है बीती

दिया और बाती सी प्रीति चलने की यही रीति
सिंचित हो प्रेम बेल प्रेम रस भर जीवन में
तुम संग स्वप्न मेरे बन गये प्राणों के आधार
तुम शान्त सिन्धु मैं चंचल तटिनी सी धार

नभ में प्रातः की लालिमा सम भरी उमंग
संध्या में क्षितिज सा यह मधुर मिलन
विस्तृत नभ से तुम मैं धरा सम लिए आस
प्रीत जिसकी पले लिए मधुर आभास

जीवन पथ केअनुभव में नया सार यहाँ
हर तम के बाद आती नयी भोर सदा
भानु रश्मि प्रभात में जैसे बिखरे धरा पर
जीवन महके हर्ष से निखरे सदा प्रेम रस

27 Likes · 38 Comments · 1415 Views
Books from Neha
View all

You may also like these posts

सिर्फ दरवाजे पे शुभ लाभ,
सिर्फ दरवाजे पे शुभ लाभ,
नेताम आर सी
सज़ा
सज़ा
Shally Vij
2910.*पूर्णिका*
2910.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
एक दोस्त है...
एक दोस्त है...
Abhishek Rajhans
■
■ "मृतपूजक" वाली छवि से छुटकारा पाएं। जीवित का भी ध्यान रखें
*प्रणय*
दुनिया के डर से
दुनिया के डर से
Surinder blackpen
सज़ा तुमको तो मिलेगी
सज़ा तुमको तो मिलेगी
gurudeenverma198
शब्दों से कविता नहीं बनती
शब्दों से कविता नहीं बनती
Arun Prasad
Important than necessary
Important than necessary
सिद्धार्थ गोरखपुरी
बालि हनुमान मलयुद्ध
बालि हनुमान मलयुद्ध
Anil chobisa
वामा हूं
वामा हूं
indu parashar
मजबूरी तो नहीं तेरा आना
मजबूरी तो नहीं तेरा आना
Mahesh Tiwari 'Ayan'
कविता
कविता
Kavi Ramesh trivedi
भीतर की प्रकृति जुड़ने लगी है ‘
भीतर की प्रकृति जुड़ने लगी है ‘
Kshma Urmila
परिवर्तन
परिवर्तन
विनोद सिल्ला
आज ये न फिर आएगा
आज ये न फिर आएगा
Jyoti Roshni
अदब  नवाबी   शरीफ  हैं  वो।
अदब नवाबी शरीफ हैं वो।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
हक जता संकू
हक जता संकू
RAMESH Kumar
सत्य दृष्टि (कविता)
सत्य दृष्टि (कविता)
Dr. Narendra Valmiki
"मैं दिल हूं हिन्दुस्तान का, अपनी व्यथा सुनाने आया हूं।"
Avinash Tripathi
मन
मन
MEENU SHARMA
हमने तुम्हें क्या समझा था,
हमने तुम्हें क्या समझा था,
ओनिका सेतिया 'अनु '
दस्त बदरिया (हास्य-विनोद)
दस्त बदरिया (हास्य-विनोद)
गुमनाम 'बाबा'
कैसे हुआ मै तुझसे दूर
कैसे हुआ मै तुझसे दूर
Buddha Prakash
मैं कभी किसी के इश्क़ में गिरफ़्तार नहीं हो सकता
मैं कभी किसी के इश्क़ में गिरफ़्तार नहीं हो सकता
Manoj Mahato
ना रास्तों ने साथ दिया,ना मंजिलो ने इंतजार किया
ना रास्तों ने साथ दिया,ना मंजिलो ने इंतजार किया
पूर्वार्थ
राही
राही
Neeraj Agarwal
भारत माँ के वीर सपूत
भारत माँ के वीर सपूत
Kanchan Khanna
"नयन-बाण"
Dr. Kishan tandon kranti
मैं फूलों पे लिखती हूँ,तारों पे लिखती हूँ
मैं फूलों पे लिखती हूँ,तारों पे लिखती हूँ
Shweta Soni
Loading...