Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Oct 2024 · 1 min read

प्रीत

वह प्रेम की पहली अनुभूति जैसे चंचल धारा के संग में बहती।
नई उमंग नई तरंग नए सपनों की वह रेती।
जिस पर रोज लिखूं मैं, रोज मिटाऊं अपनी कामनाओं की पाती।
सुद बुध सब भूल गई मैं तो जब देखी प्रीत की बरसाती
पलके खुले और बंद हो जावे, लाज में प्रीतम की छवि ना निहारती।
मन बावरा भंवरा बनके फिरत है उन्हीं के चारों ओर।
जैसे फूलों के आकर्षण में बंध कर भंवरा करे है गुंजन फूलों के चारों ओर
वैसे ही मन मेरा गावत फिरे है प्रीत के गीत प्रियतम के चारों ओर ।
रोज नित श्रृंगार करूं फिर मनभावन का इंतजार करूं।
चकित ही रह जाए देखत वह मोहे हर बार, यह कामना बारंबार करूं।
उसकी प्रीत में पग में पहने मैंने घुंघरूं, तो वह भी मुरलीधर घनश्याम बना।
मैं नाचत ,तो वह बजावत , हम दोनों एक दूसरे में ही समावत।

Language: Hindi
1 Like · 2 Comments · 37 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
केशव
केशव
Shashi Mahajan
हर कोई समझ ले,
हर कोई समझ ले,
Yogendra Chaturwedi
3571.💐 *पूर्णिका* 💐
3571.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
*लिखता है अपना भाग्य स्वयं, मानव खुद भाग्य विधाता है (राधेश्
*लिखता है अपना भाग्य स्वयं, मानव खुद भाग्य विधाता है (राधेश्
Ravi Prakash
" REMINISCENCES OF A RED-LETTER DAY "
DrLakshman Jha Parimal
भजन- कावड़ लेने आया
भजन- कावड़ लेने आया
अरविंद भारद्वाज
स्वाभिमान की बात कर रहा,
स्वाभिमान की बात कर रहा,
Sanjay ' शून्य'
अभी सत्य की खोज जारी है...
अभी सत्य की खोज जारी है...
Vishnu Prasad 'panchotiya'
मुकद्दर
मुकद्दर
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
लेखक कौन ?
लेखक कौन ?
Yogi Yogendra Sharma : Motivational Speaker
चलो एक बार फिर से ख़ुशी के गीत गायें
चलो एक बार फिर से ख़ुशी के गीत गायें
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
सब से गंदे चुस्त चालाक साइबर चोर हैँ
सब से गंदे चुस्त चालाक साइबर चोर हैँ
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
पुरुष नहीं रोए शमशान में भी
पुरुष नहीं रोए शमशान में भी
Rahul Singh
बुढापे की लाठी
बुढापे की लाठी
Suryakant Dwivedi
"किसे कहूँ"
Dr. Kishan tandon kranti
बिताया कीजिए कुछ वक्त
बिताया कीजिए कुछ वक्त
पूर्वार्थ
जरूरी तो नहीं
जरूरी तो नहीं
Awadhesh Singh
आकाश भर उजाला,मुट्ठी भरे सितारे
आकाश भर उजाला,मुट्ठी भरे सितारे
Shweta Soni
किसी की राह के पत्थर को, गर कोई हटाता है
किसी की राह के पत्थर को, गर कोई हटाता है
gurudeenverma198
उठ जाग मेरे मानस
उठ जाग मेरे मानस
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
गंगा सेवा के दस दिवस (प्रथम दिवस)
गंगा सेवा के दस दिवस (प्रथम दिवस)
Kaushal Kishor Bhatt
Y
Y
Rituraj shivem verma
पल परिवर्तन
पल परिवर्तन
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
जब काम किसी का बिगड़ता है
जब काम किसी का बिगड़ता है
Ajit Kumar "Karn"
* सुहाती धूप *
* सुहाती धूप *
surenderpal vaidya
अपने ग़मों को लेकर कहीं और न जाया जाए।
अपने ग़मों को लेकर कहीं और न जाया जाए।
Harminder Kaur
#आज_का_शेर-
#आज_का_शेर-
*प्रणय*
निगाहों से पूछो
निगाहों से पूछो
Surinder blackpen
दीप उल्फ़त के
दीप उल्फ़त के
Dr fauzia Naseem shad
मोमबत्ती
मोमबत्ती
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
Loading...