प्रीत मेरी
प्रीत मेरी तुम हो प्रीत का संसार बसा दो
अमूल्य रत्न हो जिन्दगी को सार बना दो
एक रोज जिन्दगी महकेगी सोचा न था
आगमन तेरा महकाए मुझे सोचा न था
पतझड़ बन कर रूठ गई जो जिन्दगी
आ वापस जिन्दगी में बहार ला दो
प्रीत मेरी तुम हो प्रीत का संसार बसा दो
अमूल्य रत्न हो जिन्दगी को सार बना दो
मन की बीथियाँ हो आबाद तेरे आने से
अधरों पर खिले मुस्कान तेरे मुस्काने से
चलती चलती सी ठहर गई जो जिन्दगी
आ वापस जिन्दगी में प्रीत फुहार ला दो
प्रीत मेरी तुम हो प्रीत का संसार बसा दो
अमूल्य रत्न हो जिन्दगी को सार बना दो
साज दिल के बज उठे है प्रिय तेरे आने से
मेघ छमाछम बरसे इश्क के तेरे आने से
प्रसून सी खिल खिल गई थी जो जिन्दगी
आ वापस जिन्दगी मैं मधुर मनुहार ला दो
प्रीत मेरी तुम हो प्रीत का संसार बसा दो
अमूल्य रत्न हो जिन्दगी को सार बना दो