प्रीत के रस रस व रंग रंग है l
प्रीत के रस रस व रंग रंग है l
उमंग उमंग तरंग तरंग है ll
बाग़ में फूल फूल हंसते है l
पंछी चहकते ही दीखते है ll
हवा है महक ले पसरे पसरे l
हरियाली कहे मद ले बहक रे ll
मुस्कान करे मस्त हुडदंग है l
प्रकृति ओ चमन, बस दंग दंग है ll
द्वेष कृत हर दिशा भंग भंग है
प्यार प्यास अब छेड़े मृदंग है ll
प्रीत के रस रस व रंग रंग है l
उमंग उमंग तरंग तरंग है ll
अरविन्द व्यास “प्यास”