प्रीति और प्यार — मुक्तक
मुक्तक
प्रीति और प्यार में हमने, सभी को अपना माना है।
जमाना जा रहा जिस और ,हमें नहीं वहां पर जाना है।
जीवन है तनिक अपना,देखते रहते यह सपना,
रहे ना दूर किसी से भी ,साथ सबका ही निभाना है।।
राजेश व्यास अनुनय
मुक्तक
प्रीति और प्यार में हमने, सभी को अपना माना है।
जमाना जा रहा जिस और ,हमें नहीं वहां पर जाना है।
जीवन है तनिक अपना,देखते रहते यह सपना,
रहे ना दूर किसी से भी ,साथ सबका ही निभाना है।।
राजेश व्यास अनुनय