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15 Oct 2021 · 1 min read

प्रीतम मनवा गाबैत छी

प्रीतम मनवा गाबैत छी
जिनगी बीते जावैत छी

नेक विचारे करि ले किछु
तू कहू पाप कमाबैत छी

दुख कम करिबे प्रीतमक
जी काहे भरमाबैत छी

तन क गरब न करिबे किछु
खाक उड़े कि ले जावैत छी

हाथ किछु न लागल बउवा
जे पनछी इ उड़े जावैत छी

•••

Language: Maithili
3 Likes · 2 Comments · 235 Views
Books from महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
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