Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Apr 2024 · 1 min read

प्रीतम दोहावली

झूठ कभी मत बोलिए, सबका कर सम्मान।
डरना मत अन्याय से, इतना ले बस ठान।।//1

करो भरोसा आप पर, फिर पर पर विश्वास।
नहीं रहोगे तुम कभी, मानो शर्त उदास।।//2

लाख टके की बात है, प्रेम बनाए काम।
करने से पहले मगर, बोल राम का नाम।।//3

शूल बिछा पथ में कभी, देख न पाए फूल।
जैसे को वैसा मिले, सत्य यही मत भूल।।//4

हृदय सरस जिसका हुआ, रखे सभी से मेल।
जीत दिलाए हर उसे, प्रीतम जीवन खेल।।//5

सभ्य शिष्ट व्यवहार कर, धैर्य शक्ति रख ज्ञान।
तुमसे कोई भी बड़ा, होगा नहीं सुजान।।//6

मिला प्यार अनुभव कभी, समझो मत बेकार।
चाहे देखी हार हो, यही जीत का सार।।//7

आर. एस. ‘प्रीतम’

Language: Hindi
1 Like · 495 Views
Books from आर.एस. 'प्रीतम'
View all

You may also like these posts

प्रेरणा
प्रेरणा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
दोस्तों !
दोस्तों !
Raju Gajbhiye
"I am slowly learning how to just be in this moment. How to
पूर्वार्थ
प्रकृति प्रेम
प्रकृति प्रेम
Ratan Kirtaniya
मुझे छू पाना आसान काम नहीं।
मुझे छू पाना आसान काम नहीं।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
कैसे पड़े हैं प्रभु पाँव में छाले
कैसे पड़े हैं प्रभु पाँव में छाले
Er.Navaneet R Shandily
जीवन दर्शन मेरी नज़र से. .
जीवन दर्शन मेरी नज़र से. .
Satya Prakash Sharma
मुनाफे में भी घाटा क्यों करें हम।
मुनाफे में भी घाटा क्यों करें हम।
सत्य कुमार प्रेमी
लोग कहते हैं कि
लोग कहते हैं कि
VINOD CHAUHAN
ताटंक कुकुभ लावणी छंद और विधाएँ
ताटंक कुकुभ लावणी छंद और विधाएँ
Subhash Singhai
*स्पंदन को वंदन*
*स्पंदन को वंदन*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
"साहस"
Dr. Kishan tandon kranti
दोहा
दोहा
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
विभेद दें।
विभेद दें।
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
*याद है  हमको हमारा  जमाना*
*याद है हमको हमारा जमाना*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
राम राम
राम राम
Sonit Parjapati
करवाचौथ
करवाचौथ
Neeraj Agarwal
पर स्त्री को मातृशक्ति के रूप में देखना हनुमत दृष्टि है, हर
पर स्त्री को मातृशक्ति के रूप में देखना हनुमत दृष्टि है, हर
Sanjay ' शून्य'
जिंदगी का कागज...
जिंदगी का कागज...
Madhuri mahakash
4888.*पूर्णिका*
4888.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
स्त्री एक कविता है
स्त्री एक कविता है
SATPAL CHAUHAN
ज़िंदगी हम भी
ज़िंदगी हम भी
Dr fauzia Naseem shad
विश्व पुस्तक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।।
विश्व पुस्तक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।।
Lokesh Sharma
आज़ पानी को तरसते हैं
आज़ पानी को तरसते हैं
Sonam Puneet Dubey
आरज़ू
आरज़ू
Shyam Sundar Subramanian
अड़बड़ मिठाथे
अड़बड़ मिठाथे
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
थोड़ा सा अजनबी बन कर रहना तुम
थोड़ा सा अजनबी बन कर रहना तुम
शेखर सिंह
.
.
*प्रणय*
” मेरी लेखनी “
” मेरी लेखनी “
ज्योति
सज सवंर कर श्रीमती जी ने
सज सवंर कर श्रीमती जी ने
Chitra Bisht
Loading...