प्रिय बिन…
फिरता- रहता मारा- मारा
प्रिय बिन सूना ये जग सारा
पल को जिया सदी में हमने
प्रिय बिन सांस लगी थी थमने
प्रिय बिन कैसे समय गुज़ारा
प्रिय बिन सूना ये जग सारा
दिल में कैसी आग लगी है
बस कोई इक सांस बची है
टूट न जाए जीवन धारा
प्रिय बिन सूना ये जग सारा
सुख में साथी, दुख में साथी
एक दिया, तो दूजा बाती
जन्मों का है साथ हमारा
प्रिय बिन सूना ये जग सारा
तुम बिन थे जो सपन अधूरे
आज हुए हैं वो सब पूरे
मिले तो सौ-सौ बार निहारा
प्रिय बिन सूना ये जग सारा
© अरशद रसूल