प्रिय आदर्श शिक्षक
शिक्षक दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभ कामनाएँ
विधा – कविता
शीर्षक – मेरें आदर्श शिक्षक
“जीवन में उम्मीदें हैं, सफलता अभी बाकी हैं।
मेरें शीश पर हैं, आशीष आपका यही मुझें काफी हैं।
सूना था मन कोरे थे सपनें, आप आए इस कदर आत्मविश्वास हैं भरने ।
जीवन की वे सभी राह बदल गईं जब आए आप ईश्वर की तरह मार्गदर्शन हैं करने।।
गुरु तो यूं जीवन में होते ही हैं, सबके अपने ।
मगर खुशनसीब हूं, मैं जो आप हैं मेरें अपने ।।
मधुर है जिनका व्यवहार,मीठी हैं जिनकी वाणी।
मां शारदे की हैं कृपा जिन पर, वे ज्ञान के हैं बड़े दानी।।
धैर्य, सकारात्मकता और आत्मविश्वास का पाठ जिन्हें पढ़ाया ।
आज हैं आपके ही सीखे अनुशासन और संस्कारों से जीवन को आगे बढ़ाया।।
आप का हैं जो स्नेह भाव और समर्पण की भावना।
ऐसे गुरु के चरणों में सदैव यूहीं करता रहूं अराधना।।
भाव थे कुछ ऐसे की भावनाएं समझ ही नहीं पाईं।
शब्द कहां से लाएं हम, जीवन में समझ ही आपसे आईं।।
मां शारदे की अनुकंपा और आपका आशीष यहीं हमारी मन्नत थी।
जीवन हो जाएं धन्य हमारा दोनों का संगम ही तो हमारी जन्नत थी।।
आप हैं ज्ञान के सागर, सागर से गहरे ज्ञानी।
ईश्वर को हमने ना देखा बस कहीं आपकी मानी।।
मन प्रफुल्लित और पुलकित हो गया है आंखें इस कदर भर आती हैं।
खुशी भी हैं, संयम भी हैं, आप हैं, आदर्श मेरें जिनसे
सदैव साहस और उम्मीदें जग जाती हैं।। ”
आपका शुभाशीष सदा मेरें शीश पर बना रहें।।
आपको शिक्षक दिवस की हार्दिक बधाई एवं अशेष शुभकामनाएँ ।।
नाम – लोकेश शर्मा
खेड़ली, अलवर, राजस्थान