प्रिये का जन्म दिन
ममता तुम हो धड़कन दिल की,तुम ही तो इसको चला रही हो।
तुम जबसे आई हो इस जीवन में,इसको तुम सुंदर बना रही हो।।
मेरे जीवन के हर सुख दुख में,तुम मेरे संग मिलकर कदम बढ़ा रही हो।
तुम मेरी छोटी सी दुनिया को,अपने अथक प्रयास से जैसे सज़ा रही हो।।
हर घर की बुनियाद है नारी,तुम इस परंपरा को सार्थक बना रही हो।
अपने समर्पण के दम पर तुम,अपने घर को स्वर्ग से सुन्दर बना रही हो।।
सीता जैसी बनकर पत्नी तुम,मुझको जो राम का दर्जा दिला रही हो।
मैं यही तुम्हें कहना चाहता हूँ,तुम सीता का फ़र्ज़ अच्छे से निभा रही हो।।
आज जन्म दिन के इस अवसर पर,हम लक्ख लक्ख बधाइयाँ देते हैं।
और आपकी सहमति को पाकर ही,दिल से अपना दिल तुमको देते हैं।।
सच में धन्य हुआ यह जीवन देखो,हम दिल से तुमको यह कह देते हैं।
इसलिये तुम्हारे लिए हर निर्णय को,हम सर को झुका कर सह लेते हैं।।
प्रिये, जन्म दिन की बहुत बहुत शुभकामनाएँ
विजय कुमार अग्रवाल
विजय बिजनौरी