प्रियतम
आंएगे मेरे प्रियतम मुझसे मिलने के लिए
बाते दो प्यार की मुझसे हैं करने के लिए
हमको नहीं खबर ,उनकी कैसी चाल हैं
उन पर मर मिठे हैं,कसम से बुरा हाल है
पल पल दिल बैचेन उनसे मिलने के लिए
बातें……………………………………..
खड़े हैं हम तो राह में लिए पुष्प की माला
कब वो दिलबर आंएगे,नैन मेरे मधुशाला
नयनों से मय पिलाएंगे उन्हें हरने के लिए
बातें………………………………………..
बैचेनी थी,जब से खबर थी उनके आने की
बाँधा था पिट्ठू बातों का जो उनसे होनी थी
बेदिल दिल में उमंगें प्यार की भरने के लिए
बातें………………………………………….
क्या कभी हम दो जिस्म एक जान हो जाएंगे
जग की रश्मे भेद कर पूरे अरमान हो जाएंगे
सुपने जो देखे आँखों ने साकार करने के लिए
बातें……………………………………………
आंएगे मेरे प्रियतम मुझ से मिलने के लिए
बातें दो प्यार की मुझसे है करने के लिए
सुखविंद्र सिंह मनसीरत