प्रार्थना
प्रार्थना
आओ करें मिल प्रार्थना
घर निकल लौटें सुरक्षित मिल करें हम प्रार्थना।।
बहू बेटी हों सुरक्षित मिल करें हम प्रार्थना।
शिशु करें आनंद क्रीड़ा अपहरण का भय न हो।।
साजिशों से बच रहे हम नींद का भी क्षय न हो।
हों खुली जब खिड़कियां तब दुष्ट की नजरें न हों।।
जर जमीं जोरू सुरक्षित लूट की खबरें न हों।
भूख का क्रंदन न हो अन्न की भरमार हो।।
व्यवहार में हो सौम्यता और शान्ति का अखबार हो।
हाथ केवल अब यही कि मिल करें हम प्रार्थना।।
आओ करें हम प्रार्थना ।।