प्रार्थना
उपेंद्रव्रज्रा छंद
121 221 121 22
महेश देवेश त्रिशूलधारी ।
महाबली सत्य जयी बिहारी।
दया करो हे प्रभु दीनदयाला,
बने रहे भक्त सदा पुजारी।
खड़े हुए हैं मुनि सेवकाई,
लगा हुआ है प्रभु भीड़ भारी।
दयालु दाता प्रभु दर्श दे दो,
खड़ी हुई हूँ कब से मुरारी।
दुखी जनों का दुख शोक टारो,
बनो सहारा प्रभु कष्ट हारी।
रहे खुशी से परिवार सारा,
कृपा करो एक तुझे पुकारी।
बसो हमारे उर भावना में,
सदा सदा से अरजी हमारी ।
-लक्ष्मी सिंह
नई दिल्ली