Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Jul 2020 · 1 min read

प्रारंभ से भय

समाज की रूढ़ीवादी मान्यताएं
तीरों सी चुभती हैं फिर भी
रोकर – चिल्लाकर – छटपटाकर सहते हैं
क्योंकि हमें भी यही मान्यताएं
बचपन में घुट्टी में
घोलकर पिलाई गयीं हैं
इसीलिये हम
गूंगें – बहरे – अंधे बनकर
पड़े रहते हैं और सोचते हैं
कि कोई तो
बोलने वाला – सुनने वाला – देखने वाला हो
जो शुरुआत करे
इन मान्यताओं के विरूद्ध
आवाज उठाने की
यूँ हीं पड़े सोचते
सड़ – गल – मर जायेगें
परन्तु अपनी कमजोरियों का
इलाज न करेगें
अगर किया
तो कही इनके विरूद्ध
हमें ही ना करनी पड़े
अपनी आत्मा शुद्ध ।

स्वरचित एवं मौलिक
( ममता सिंह देवा , 20/05/87 )

Language: Hindi
1 Like · 4 Comments · 271 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Mamta Singh Devaa
View all
You may also like:
हम उफ ना करेंगे।
हम उफ ना करेंगे।
Taj Mohammad
ह्रदय की स्थिति की
ह्रदय की स्थिति की
Dr fauzia Naseem shad
"आधी दुनिया"
Dr. Kishan tandon kranti
यह सावन क्यों आता है
यह सावन क्यों आता है
gurudeenverma198
*
*"माँ महागौरी"*
Shashi kala vyas
लहरों ने टूटी कश्ती को कमतर समझ लिया
लहरों ने टूटी कश्ती को कमतर समझ लिया
अंसार एटवी
हमारे प्यार की सरहद नहीं
हमारे प्यार की सरहद नहीं
Kshma Urmila
2886.*पूर्णिका*
2886.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
दुःख में स्वयं की एक अंगुली
दुःख में स्वयं की एक अंगुली
Ranjeet kumar patre
जीवन अप्रत्याशित
जीवन अप्रत्याशित
पूर्वार्थ
राम तुम भी आओ न
राम तुम भी आओ न
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
*साबुन से धोकर यद्यपि तुम, मुखड़े को चमकाओगे (हिंदी गजल)*
*साबुन से धोकर यद्यपि तुम, मुखड़े को चमकाओगे (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
मास्टरजी ज्ञानों का दाता
मास्टरजी ज्ञानों का दाता
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
घर का हर कोना
घर का हर कोना
Chitra Bisht
साल में
साल में
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
लोकतन्त्र के हत्यारे अब वोट मांगने आएंगे
लोकतन्त्र के हत्यारे अब वोट मांगने आएंगे
Er.Navaneet R Shandily
कुंडलिया - गौरैया
कुंडलिया - गौरैया
sushil sarna
बुरा नहीं देखेंगे
बुरा नहीं देखेंगे
Sonam Puneet Dubey
हक औरों का मारकर, बने हुए जो सेठ।
हक औरों का मारकर, बने हुए जो सेठ।
डॉ.सीमा अग्रवाल
"जुबांँ की बातें "
Yogendra Chaturwedi
हुनर का नर गायब हो तो हुनर खाक हो जाये।
हुनर का नर गायब हो तो हुनर खाक हो जाये।
Vijay kumar Pandey
अनुराग मेरे प्रति कभी मत दिखाओ,
अनुराग मेरे प्रति कभी मत दिखाओ,
Ajit Kumar "Karn"
प्रत्येक वर्ष 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। शिक्षक
प्रत्येक वर्ष 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। शिक्षक
डॉ. उमेशचन्द्र सिरसवारी
*शीतल शोभन है नदिया की धारा*
*शीतल शोभन है नदिया की धारा*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*कौन है ये अबोध बालक*
*कौन है ये अबोध बालक*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
✍️ दोहा ✍️
✍️ दोहा ✍️
राधेश्याम "रागी"
यही है हमारी मनोकामना माँ
यही है हमारी मनोकामना माँ
Dr Archana Gupta
#मुक्तक-
#मुक्तक-
*प्रणय*
दोहा ,,,,,,,
दोहा ,,,,,,,
Neelofar Khan
घर नही है गांव में
घर नही है गांव में
Priya Maithil
Loading...