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30 Nov 2021 · 1 min read

प्राकृतिक सौन्दर्य

आज की चित्राधारित रचना

इस सौंदर्यपूर्ण धरा का,
कौन है‌ सृजनहार।
कहीं बिखेरी केसर कलियां,
कहीं शिखरों की कतार।

कहीं चहचाती प्यारी चिड़िया,
कहीं ‌भयानक पशुओं का नाद।
कहीं खड़कते तरुवर पत्ते,
कहीं सुरमयी पवन सितार।

कहीं बिखेरा विशाल मरुस्थल,
कहीं हरित खेती-खलिहार।
कहीं फैलाई पर्वत मालाएं,
और‌ फैलाया जल विस्तार।

कहीं हिलोरे लेती प्रकृति,
कहीं डूबती नैया मझधार।
छूकर वितान व्योम खटोले,
करते सप्त सिंधुओं को पार।

वन-उपवन व क्यारी -क्यारी,
करती फूलों से श्रृंगार।
तरुवर-तरुवर बेलाएं झूमें,
लिपट‌-लिपट के करती प्यार।

ललिता कश्यप गांव सायर जिला बिलासपुर हिमाचल प्रदेश।

Language: Hindi
3 Likes · 2 Comments · 395 Views
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