प्राकृतिक सुंदरता
इन दिनों प्रकृति बहुत ही सुन्दर लग रही है । अभी सीसम के वृक्षों पर अनेक छोटे छोटे फूल लगे है, जिससे वातावरण सुगन्धित हो रहा है । नीम, खेजड़ी, गूंदा इन सभी पे भी फूल बेशुमार लगे है ।
इन दिनों ऐसा लग रहा है जैसे मानो प्रकृति भी किसी सांप की भांति अपनी पुरानी केंचुली अर्थात वृक्षों के पुराने पत्तों को उतारकर नए पत्ते अर्जित कर रही है ।
जहां इन दिनों ज्यादातर वृक्ष पत्तों और फूलों से सुसज्जित है वहीँ इनके बीच बेर का वृक्ष सूखा सा लग रहा है, क्योंकि इसके नये पत्ते अभी आए नहीं।
वृक्षों पर मधुमक्खियों ने अपना घर बसाया हुआ है क्योंकि अभी उन्हें फूलों से खूब रस प्राप्त होता है । भँवरे भी दोपहर और सुबह को खूब संगीत का आनंद देते है । तरह-तरह के पक्षी अपनी मधुर आवाजों से आकर्षित करते हैं।
वृक्षों के नीचे की भूमि महीन फूलों से लैस है । ज्यों ही हवा का तेज झोंका आता है त्योंही अनेक फूल धरती पे आ गिरते है और वायु सुगन्धित हो जाती है ।
– तेजू जांगिड़