प्रश्न – दीपक नीलपदम्
एक सूना साज़,
एक कोरा कैनवास,
और एक सुमन सुगंध रहित;
कुल जमा यही संपत्ति है हमारे पास ।
क्या तुम इस साज़ पर,
मधुर संगीत बजा सकते हो?
उकेर सकते हो कोई आकार,
कोरे कैनवास पर?
ताकि, वैधव्य दूर हो सके
कोरे कैनवास का ।
क्या सुगंध रहित सुमन को
भीनी-भीनी महक से भर सकते हो ?
ताकि, साथ-साथ
महक जाये
मेरा भी संसार ?
(c)@ दीपक कुमार श्रीवास्तव “नील पदम्”