प्रश्न क्या है एक कवि के आत्मा का हम बताएं?
तथ्य पीड़ित कर रहा नव वर्ष कैसे हम मनाएं!
प्रश्न क्या है एक कवि के आत्मा का हम बताएं?
तथ्य पीड़ित कर रहा नव वर्ष कैसे हम मनाएं!
तन ठिठुरता मन सिहरता शीत गिरती रात रोती।
पंछियों की चोंच जमती है वो कैसे चहचहाएं।
पूस की रातों में देखो है श्रामिक का देह उत्तल।
एक ही चादर है खुद ओढ़े या बच्चों को ओढ़ाएं।
है शरद की मध्य अवधि वृक्ष ओढ़ा ओस चादर।
सूर्य से शापित समय में कैसे हम खुशियां मनाएं।
हम सनातन सत्य धर्मी भारती के लाल हैं तो।
विश्व के पाखंड के तल कैसे यूं ही दबते जाएं।
ले रही पतझड़ बहारें सुर्ख़ चश्म ए दीद देखो।
जल की शीतलता निरुत्तर कर रही कैसे बताएं?
देख दीपक आंख की पुतली जमी है यह जुबां भी।
कैसे मधुरिम दृश्य देखें कैसे मधुरिम गीत गाएं।
दीपक झा “रुद्रा”