प्रश्नों की सीमा तक जा।
किस बात की परेशानी है।
कैसी ये हैरानी है?
तू है सार विकल्पों का।
तू ही असीम ग्यानी है।
अन्तर्मन में लगा के गोते।
मन के मोती तू चुन ला।
हर उत्तर है सीमित तुझमें।
प्रश्नों की सीमा तक जा।
-शशि “मंजुलाहृदय”
किस बात की परेशानी है।
कैसी ये हैरानी है?
तू है सार विकल्पों का।
तू ही असीम ग्यानी है।
अन्तर्मन में लगा के गोते।
मन के मोती तू चुन ला।
हर उत्तर है सीमित तुझमें।
प्रश्नों की सीमा तक जा।
-शशि “मंजुलाहृदय”