जिंदगी हमको हँसाती रात दिन
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
ज़िंदगी की जंग जीतनी हो....
कई जिंदगियां महफूज़ रहती हैं,
रिश्ता और ज़िद्द दोनों में ज़मीन आसमान का फ़र्क़ है, इसलिए ज
आप से दर्दे जुबानी क्या कहें।
तमन्ना है बस तुझको देखूॅं
चरित्र अगर कपड़ों से तय होता,
आख़िरी इश्क़, प्यालों से करने दे साकी-
" यह सावन की रीत "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
भय आपको सत्य से दूर करता है, चाहे वो स्वयं से ही भय क्यों न
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
हिचकियों की मुझे तमन्ना है ,
हैं सितारे डरे-डरे फिर से - संदीप ठाकुर