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24 Jun 2021 · 1 min read

प्रवासी की पीड़ा

हियरा में
रह-रहके
आज चुभे
हमरा शूलवा
गंऊवा के
छोड़ के हम
कईनी
बड़ी भूलवा….
सखिया-
सहेलिया
गावत होईहें
कजरिया
नीमिया के
गछिया पर
लागल होई
झूलवा….
बीतत रहे
जहां हमरा
बचपन के
दिनवा
बाबा के
फुलवरिया में
खिलल होई
फूलवा….
सांझे-बिहाने
जेने
जात रहनी
घूमे-फिरे
लईकन से
भरल होई
गंऊवा के
पूलवा….
सुतत रहनी
जेईपर हम
गरमी के
रतिया में
वो छतवा पर
अभीनो
बहत होई
पुरूवा….
#Geetkar
Shekhar Chandra Mitra
(A Dream of Love)
#Nostalgia

Language: Hindi
Tag: गीत
241 Views
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