Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Jun 2021 · 2 min read

प्रवचन

प्रवचन #संस्मरण
एक संत प्रवचन कर रहे थे।श्रोता गण मंत्र मुग्ध होकर भगवान कृष्ण की रासलीला का आनंद ले रहे थे ।भगवान शिव का गोपी बनकर रासलीला में शामिल होने का प्रसंग बेहद पसंद आ रहा था ।बीच बीच में तालियों की आवाज से पंड़ाल गूँज रहा था ।तभी संत जी ने कहा- बोलो ब्रह्मचारी भगवान कृष्ण की- जय,कुछ लोग ही बोल पाये ।सभी अचंभित थे क्योंकि भगवान कृष्ण को ब्रह्मचारी कहना समझ नहीं आ रहा था।संत श्रोताओं की मनोदशा समझ गये और कहा इसमें भ्रमित होने की बात नहीं है ।ऐसा ही भ्रम गोपियों को भी हुआ था ।एक बार गोपियाॅ अगस्त्य ऋषि को भोग देने जा रही थी, तभी यमुना में बाढ़ आ गई ।यमुना पार होने का उपाय पूछने कृष्ण के पास पहुँची ।कृष्ण ने कहा कि यमुना से प्रार्थना करना कि यदि हमारे कृष्ण ब्रह्मचारी हो तो मार्ग प्रदान करें ।इस पर सभी सखियाॅ हॅसने लगी ।अरे, कन्हैया सदा हमारा पीछा करता है और खुद को ब्रह्मचारी कहता है ।सभी यमुना के पास जाकर रास्ता माॅगती है, पर यमुना पार होने का कोई उपाय नहीं सूझ रहा था ।तब कहने लगी- हे यमुना माई यदि हमारे कृष्ण ब्रह्मचारी हो तो रास्ता प्रदान करें ।यमुना जी ने रास्ता दे दिया ।यमुना पार अगस्त्य जी को भोग प्रसाद खिलाकर,लौटते समय पूछा- यमुना नदी पार होने का उपाय बताइए ।मुनि ने कहा- यमुना से प्रार्थना करना कि यदि अगस्त्य ऋषि निराहार हो तो मार्ग प्रदान करें । अब तो गोपियाॅ अचंभित हो गई, इतना भोजन कराने के बाद भी ऋषि निराहार है ।यह सोचते हुए आकर यमुना से प्रार्थना की तो मार्ग मिल गया ।यमुना पार होकर भगवान कृष्ण के पास पहुँची और अपनी शंका कह सुनाई ।कृष्ण ने कहा जिस प्रकार से तुम्हारे प्रेम भाव के कारण मैं तुम्हें चाहता हूँ, इस चाह में वासना का कोई स्थान नहीं है तो ब्रह्मचारी हूँ ।उसी प्रकार ऋषि अगस्त्य को भोजन पाने- खाने की चाह नहीं है, वह तो मुझे भोग लगाते हैं और उनके अंदर विराजमान कृष्ण को खिलाते है ।ऋषि अगस्त्य तो आजन्म उपवासी व निराहार है ।गोपियाॅ भगवान कृष्ण छलिया छलिया कह कर चिढाने लगीं ।
इस कथानक से श्रोताओं को भगवान कृष्ण की लीला समझ में आ गई और संत जी के साथ ब्रह्मचारी भगवान कृष्ण की जय से पंड़ाल गूँज गया ।
ब्रह्मचारी भगवान कृष्ण की जय हो ।।

राजेश कौरव सुमित्र

Language: Hindi
Tag: लेख
2 Likes · 629 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Rajesh Kumar Kaurav
View all
You may also like:
ईश्वर के सम्मुख अनुरोध भी जरूरी है
ईश्वर के सम्मुख अनुरोध भी जरूरी है
Ajad Mandori
यूं ही कोई शायरी में
यूं ही कोई शायरी में
शिव प्रताप लोधी
धुन
धुन
Sangeeta Beniwal
होली
होली
डॉ नवीन जोशी 'नवल'
परोपकार
परोपकार
ओंकार मिश्र
कैद है तिरी सूरत आँखों की सियाह-पुतली में,
कैद है तिरी सूरत आँखों की सियाह-पुतली में,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मन के वेग को यहां कोई बांध सका है, क्या समय से।
मन के वेग को यहां कोई बांध सका है, क्या समय से।
Annu Gurjar
पितरों का लें आशीष...!
पितरों का लें आशीष...!
मनोज कर्ण
सितमज़रीफ़ी
सितमज़रीफ़ी
Atul "Krishn"
जीवन में संघर्ष सक्त है।
जीवन में संघर्ष सक्त है।
Omee Bhargava
ज़िंदगानी
ज़िंदगानी
Shyam Sundar Subramanian
दोहा बिषय- दिशा
दोहा बिषय- दिशा
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
मुनाफे में भी घाटा क्यों करें हम।
मुनाफे में भी घाटा क्यों करें हम।
सत्य कुमार प्रेमी
पोषित करते अर्थ से,
पोषित करते अर्थ से,
sushil sarna
3747.💐 *पूर्णिका* 💐
3747.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
जब भी सोचता हूं, कि मै ने‌ उसे समझ लिया है तब तब वह मुझे एहस
जब भी सोचता हूं, कि मै ने‌ उसे समझ लिया है तब तब वह मुझे एहस
पूर्वार्थ
"नजर से नजर और मेरे हाथ में तेरा हाथ हो ,
Neeraj kumar Soni
गजल सगीर
गजल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
मतदान जरूरी है - हरवंश हृदय
मतदान जरूरी है - हरवंश हृदय
हरवंश हृदय
बच्चे
बच्चे
Dr. Pradeep Kumar Sharma
राष्ट्र हित में मतदान
राष्ट्र हित में मतदान
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
ना जाने क्यों जो आज तुम मेरे होने से इतना चिढ़ती हो,
ना जाने क्यों जो आज तुम मेरे होने से इतना चिढ़ती हो,
Dr. Man Mohan Krishna
अगर प्रेम है
अगर प्रेम है
हिमांशु Kulshrestha
अनुभव 💐🙏🙏
अनुभव 💐🙏🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
दर्द ना अश्कों का है ना ही किसी घाव का है.!
दर्द ना अश्कों का है ना ही किसी घाव का है.!
शेखर सिंह
*किसकी है यह भूमि सब ,किसकी कोठी कार (कुंडलिया)*
*किसकी है यह भूमि सब ,किसकी कोठी कार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
ओ अच्छा मुस्कराती है वो फिर से रोने के बाद /लवकुश यादव
ओ अच्छा मुस्कराती है वो फिर से रोने के बाद /लवकुश यादव "अज़ल"
लवकुश यादव "अज़ल"
#चिंतनीय
#चिंतनीय
*प्रणय*
"समरसता"
Dr. Kishan tandon kranti
मुझे जीना सिखा कर ये जिंदगी
मुझे जीना सिखा कर ये जिंदगी
कृष्णकांत गुर्जर
Loading...