प्रयोग करो:फेंक दो
कभी कभी यूँ लगता है कि कुछ लोग आप के साथ आप को निजी स्वार्थ के लिये इस्तेमाल करते है और फिर भूल जाते हैं जैसे कोई पान कार्य चूस ले या गिलास को पानी पी कर कूड़ेदान में फेंकते:-
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“प्रयोग करो;फेंक दो”
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थूक भी दो
बहुत चबा लिया पान
पीक का रंग चढ़ने दो
दीवार पर हर जगह
दिखे थूका हुआ पान
न मिटने वाले निशान
पर मैं नहीं हूँ
चबाया हुआ पान
फेंक भी दो
अब इस प्लास्टिक के
गिलास को
एक ही बार
प्रयोग होता
न कि बार बार
झाड़ कर,माँज कर
पीतल के गिलास में
देती थी माँ
प्रेम से लबालब भर कर
हर बार
पर मैं नहीं हूँ
प्लास्टिक का गिलास
तुम भी न समझो
मुझे पान
थूक दो मुझे
रस चूस कर
दीवार पर
यहाँ वहाँ
कहो कि वह रहा
मेरा पान थूका हुआ
प्रयोग करो
मुझे एक बार
फेंक दो
मुझे किसी कूड़ेदान में यूँ ही
मैं रिश्ता हूँ,दोस्त हूँ
स्वच्छता अभियान नहीं
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राजेश”ललित”शर्मा
९-६-२०१७