प्रमाणिका छंद आधारित गीत
प्रमाणिका छंद कुल 8 वर्ण
जभान राजभा लगा
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‘रक्षक’
प्रचंड जोश साथ में
उठा कटार हाथ में
मिटा चलें कुचाल को।
अनर्थ के सवाल को
कुदृष्टि के प्रहार को।
गिरे हुए विचार को।
निशीथ काल पाथ में।
उठा कटार हाथ में
पिशाच भूत ताड़ लो
पहाड़ सी दहाड़ लो
छुपे हुए भुजंग को,
विशाक्त से कुसंग को
उतार काल क्वाथ में
उठा कटार हाथ में।
लिखो किताब आन की।
कुलीन खानदान की।
गिरो नहीं चरित्र से
बचो सदा कुमित्र से
रखो भरोस नाथ में
उठा कटार हाथ में
रखो निगाह चोर पे
सतर्क बैठ छोर पे।
विधर्म को पछाड़ दो
जमी जड़ें उखाड़ दो
धरो त्रिपुंड माथ में
उठा कटार हाथ में
स्वरचित व मौलिक सृजन
-गोदाम्बरी नेगी