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30 Jul 2024 · 1 min read

*प्रभो हमें दो वह साहस हम, विजय दुष्ट पर पाऍं (गीत)*

प्रभो हमें दो वह साहस हम, विजय दुष्ट पर पाऍं (गीत)
______________________
प्रभो हमें दो वह साहस हम, विजय दुष्ट पर पाऍं
1)
चारों ओर दबंग रह रहे, मनमानी वह करते
चुरा-चुरा कर जनता का धन, अपनी थैली भरते
हमको दो वह शक्ति दयानिधि, दुर्जन सभी हराऍं
2)
रिश्वतखोरी आम हो गई, खाते खुले-खजाने
बेशर्मी है बिना मुखौटे, सब जाने-पहचाने
दुष्टों को उनकी भाषा में, कुछ हम पाठ पढ़ाऍं
3)
रचें एक निर्मल मन वह जो, सरल भाव से जीता
सद्भावों का अमृत जहॉं पर, मानव हर क्षण पीता
घुलें परस्पर सभी नेह में, ऐसे हृदय बनाऍं
प्रभो हमें दो वह साहस हम, विजय दुष्ट पर पाऍं

रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451

Language: Hindi
75 Views
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