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15 Apr 2022 · 1 min read

*प्रभो वरदान दो 【मुक्तक 】*

प्रभो वरदान दो 【मुक्तक 】
■■■■■■■■■■■■■■■■■■■
सबके लिए सबके हृदय में प्रेम का शुभ गान दो
सबमें मनुजता-भावना का नित्य-प्रति उत्थान दो
हर शत्रुता संसार – भर के शब्द – कोशों से हटे
सब जन सुखी हों सब निरोगी हों प्रभो वरदान दो
—————————————————
रचयिता :रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा
रामपुर(उ.प्र.)
मोबाइल 9997615451

Language: Hindi
88 Views
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