प्रभु शुभ कीजिए परिवेश
राम कृपा से दिख रहा है
देश में अद्भुत आहृलाद
नव प्रासाद में विराज कर
रामलला देंगे आशीर्वाद
सदियों से जन जन के मन
में व्यापा रहा जो मलाल
उसे हटाकर प्रभु रामलला
जन जन को करेंगे निहाल
सरयू की धारा कल कल
कर करती श्रीराम गुनगान
लहरा लहराकर भक्तों का
मन मोहती है आठों याम
सूर्य सुता त्रय ताप नसावनि
बतला गए ऋषि और ज्ञानी
उनके तट पर आकर तर
गए देश के असंख्य प्राणी
प्रभु रामलला की कृपा से
बदला अवधपुरी का नजारा
राम नाम से गुंजित हो रहा
अब हर ग्राम,नगर, चौबारा
राम राम का सतत जाप कर
उनसे अर्ज़ करता अब उमेश
जन जन के मन के भेद मिटा
प्रभु शुभ कीजिए परिवेश