#गीत//प्रभु-वंदन
#प्रभु-वंदन
मालिक जीवन दाता ,
हम पर आशीष बनाए रखना।
ग़म दो या ख़ुशियाँ दो ,
पर अपनी नेक निगाहें रखना।।
छल का पल ना देना ,
पाक नीति ही रखना मन की।
गीतों-सा हो जीवन ,
रहे भावना अपनेपन की।
ज्ञान मिले मान रहे ,
आन बान शान खिलाए रखना।
ग़म दो या ख़ुशियाँ दो ,
पर अपनी नेक निगाहें रखना।।
नातों की छाया हो ,
सदा निरोगी-सी काया देना।
धन भण्डार न माँगें ,
बने ज़रूरी उतनी माया देना।
दिल आँखों के अंदर ,
प्रेम नदी सदा बहाए रखना।
ग़म दो या ख़ुशियाँ दो ,
पर अपनी नेक निगाहें रखना।।
मिलजुल हँसना आए ,
मीठे बोलों की फ़ितरत देना।
लालच न लुभाए मन ,
मन को ऐसी हर ताक़त देना।
सच की तासीर रहे ,
नस-नस वो लहू चलाए रखना।
ग़म दो या ख़ुशियाँ दो ,
पर अपनी नेक निगाहें रखना।।
(CR) आर.एस.’प्रीतम’