प्रभु जी जरा
**प्रभु जी जरा (भजन)**
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प्रभु जी जरा नजर रखियो,
सुख-शान्ति-समृद्धि रखियो।
दुख न कोय छूने पाए,
कष्ट – क्लेश दूर हो जाए,
सुख का सदा असर रखियो।
सुख-शान्ति-समृद्धि रखियो।
काल कभी न डाले घेरा,
मन में मैं का न हो डेरा।
तृप्ति का भाव सदा रखियो।
सुख-शान्ति-समृद्धि रखियो।
घन घोर घटा घेरे न घेरा,
सब हो तेरा कुछ न हो मेरा,
लोभ – क्रोध-मोह न भरियो।
सुख-शान्ति-समृद्धि रखियो।
मनसीरत तन-मन शुद्ध पावे,
सब विकृतियां नष्ट हो जावे,
कुछ ऐसी दया दृष्टि करियो।
सुख-शान्ति-समृद्धि रखियो।
प्रभु जी जरा नजर रखियो।
सुख-शान्ति-समृद्धि रखियो।
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)