प्रभु अयोध्या लौट आये
प्रभु अयोध्या लौट आये,
सबके घर खुशियाँ लाये,
काली काली अंधियारी रात,
धीरे धीरे जाने लगी अब बीत,
ठंडी ठंडी बहने लगी बयार,
चारो और छाई है नई बहार,
मुस्कुरा रहे मेरे खेत खलिहान,
कोयल भी गा रही अपना गान,
प्रभु अयोध्या लौट आये…..
प्रभू आए अवध पूर्ण कर चौदह बरस,
प्रजा जन दर्शन को रहे कब से तरस,
कर असुरों का नाश आये जीत लंका ,
चहुँ दिशा में बज गया सत्य का डंका,
प्रभु अयोध्या लौट आये …
घर घर हर घर दीप जले,
जन जन से भगवान मिले,
मात पिता की आज्ञा पालन कर,
ऋषि मुनियों का संताप हर,
प्रभु अयोध्या लौट आये…
असुरों से कर धरा हीन,
गुरुवर के ध्यान में होकर लीन,
सिखलाने सबको मर्यादा पाठ,
छोड़ गए थे अपना राजसी ठाठ,
प्रभु अयोध्या लौट आये….
रघुकुल का रखा मान,
असुरों पर ताने बान,
गौतम नारी को तार,
नर वानर का कर उद्धार,
प्रभु अयोध्या लौट आये….
-जेपीएल