प्रभात
देखो मेरी पकरिया पर
लाल गेद है उग आई। ।
चिडियो ने भी चिर कार लगाई
काग भी बोली बोल चुके। ।
मुर्ग की बांग डोल चुकी
उठो मेरी गुडिया रानी।।
तुमने जो खिलौने सुलाये
उनकी लाल चूनर भी उड चुकी ।।
खोलो पलके
देखो तेरी चूनर पर पीली पीली धारी।।।
अधियारी धीमी पड गई
रात्रि नानी भाग गई।।।
चाॅदा मामा छूप गये
तारे भी सब भाग गये।।।
उठो उठो सब काम शुरू
कृषको सब नाम शुरू।।।
देखो गुडिया तुम्हारी सहेली आई
लाल गेद पीली हो आई।।।।।
हर तरफ उजियाली छाई
आई सुबह आई सुबह।।।।।।