प्रदीप छंद
प्रदीप छंदगीत —
ये मेरा अधिकार है —
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घर आँगन की बगिया महकें, बेटी सुख संसार है।
जीने दो मुझको दुनिया में, ये मेरा अधिकार है।।
मात पिता परमेश्वर मेरे, करते लाड़ दुलार है।
नैनों में पालूँ जो सपना, करें वही साकार है।।
सुता पढ़ाओ सुता बचाओ, कहती अब सरकार है
जीने दो मुझको दुनिया में, ये मेरा अधिकार है।।
जननी नारी धरा सुशीला,रसमय गुण की खान है।
सुख का घर- संसार बसाती,नारी घर की जान है।।
देख अकेली लड़की दानव,करते अत्याचार हैं।
जीने दो मुझको दुनिया में, ये मेरा अधिकार है।।
शिव की शक्ति उमा कहलाती, जग पालन संचार है।
नारी का आदर जिस घर में, वास देव ऊँकार है।।
नारी को हर युग में पूजा, लक्ष्मी का अवतार है
जीने दो मुझको दुनिया में, ये मेरा अधिकार है।।
✍️ सीमा गर्ग मंजरी
मौलिक सृजन
मेरठ कैंट उत्तर प्रदेश।