प्रथम किरण नव वर्ष की।
प्रथम किरण नव वर्ष की, देती नवल उजास।
हिम्मत,ताकत,जोश दे,एक अडिग विश्वास।।
फैली चादर ओस की, मोती बिखरे पात।
स्वप्न लिए सब नैन में, थिरक रहे हर गात।।
नवल वर्ष में हो रही, खुशियों की बरसात।
कुदरत स्वागत में खड़ी, बाँट रही सौगात।।
नव निष्ठा संकल्प की,मन में देती आस।
प्रथम किरण नव वर्ष की, देती नवल उजास।।
पंचम स्वर छेड़े विहग, गाए मंगल गान।
मोहक कुसमित है धरा, आया नवल विहान।।
सुखद हवा ये बह रही, छेड़े सुंदर तान।
हर्षित हो षट्-कीट दल, सुख का करते पान।।
कण-कण में जीवन भरे,प्रखर प्रेम उल्लास।
प्रथम किरण नव वर्ष की, देती नवल उजास।।
वेधा सिंह