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24 Jan 2024 · 1 min read

प्रतीक्षा, प्रतियोगिता, प्रतिस्पर्धा

प्रतीक्षा, प्रतियोगिता, प्रतिस्पर्धा
(सबर कर)
कर प्रतीक्षा, प्रतियोगिता, प्रतिस्पर्धा
उच्च उंचाई पर ले जायेंगे।
जल रहे हैं जो तुम पर यहां
तव समक्ष,सर ही झुकायेगे
दुर दृष्टि,कड़ी मेहनत,रख मन श्रद्धा।
सफल पथ दिखायें, नेक रख पक्का।।

सुन वचन‌ सकल जहान
पर मंथन करें निज मन में।
स्व विवेक से काम करेंगे
सत्य ही सफल होंगे जग में।।
शांत स्वभाव,मीठा वचन ,न अहं अंधा
सफल पथ दिखायें,रहे इरादा पक्का।।

रचनाकार,, डॉ विजय कुमार कन्नौजे छत्तीसगढ़ रायपुर आरंग अमोदी

Language: Hindi
1 Like · 126 Views

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