प्रतिक्रियाओं पर प्रतिक्रिया (हर कलाकार के लिए लेख)
हर प्रकार के रचनात्मक कार्य, कला को देखने वाले व्यक्ति की प्रतिक्रिया अलग होती है। यह प्रतिक्रिया उस व्यक्ति की पसंद, माहौल, लालन-पालन जैसी बातों पर निर्भर करती है। आम जनता हर रचनात्मक काम को 3 श्रेणियों में रखती है – अच्छा, ठीक-ठाक और बेकार। हाँ, कभी-कभार कोई काम “बहुत बढ़िया / ज़बरदस्त” हो जाता है और कोई काम “क्या सोच कर बना दिया? / महाबकवास” हो जाता है। रचनाकार को अधिकतर ऐसे ही रिव्यू मिलते हैं।
इन रिव्यू से केवल ये पता लगाया जा सकता है कि फलाना श्रेणी का काम फलाना तरह के लोगों को पसंद या नापसंद आता है। उदाहरण – किसी निरक्षर व्यक्ति को गूढ़ वैज्ञानिक कमेंट्री वाला रोचक प्रोग्राम भी बेकार लगेगा या एक ख़ास अंदाज़ की कॉमेडी की आदत वाले दर्शकों को उस से अलग प्रयोगात्मक हास्य बेवकूफी लगेगा। कलाकार को ऐसे मत को गंभीरता से नहीं लेना चाहिए। अगर आप व्यावसायिक काम कर रहें हैं तो अपने दर्शकों-श्रोताओं-पाठकों की पसंद समझने में ये डेटा काम आ सकता है। प्रयोग करते रहना और सही प्रतिक्रियाओं के अनुसार काम का अवलोकन करना महत्वपूर्ण है। आम फीडबैक के बीच-बीच में कलाकार के लिए खज़ाना यानी कंस्ट्रक्टिव रिव्यू छुपे होते हैं। ऐसी प्रतिक्रियाओं-समीक्षाओं को पहचानना आसान काम है। ये रिव्यू कुछ बड़े होते हैं और इनमें आम जेनेरिक मत से अलग बातें लिखी होती हैं। (यहाँ अक्सर किसी वेबसाइट की सामग्री (कंटेंट) बनाने की खानापूर्ति वाले या पेड रिव्यू की बात नहीं हो रही है।) उन बातों का अवलोकन कर कलाकार जान सकता है कि जो समूह उसकी कला समझ रहे हैं, उन्हें कला में क्या कमी, संभावनाएं दिख रही हैं जो कलाकार की नज़रों से बच गयीं।
आमतौर पर प्रयोग को काफी नकारात्मक प्रतिक्रिया का सामना करना पड़ता है। इसमें निराश होने वाली कोई बात नहीं है क्योकि प्रयोगों से ही हमें पता चलता है कि जितना ज्ञात संसार है उसके आगे क्या और कैसे किया जा सकता है। साथ ही निरंतर प्रयोग से कलाकार को अपनी खूबियों और कमियों का पता चलता है। अगली बार प्यार-मोहब्बत फीलगुड़, सास-बहु, लाइट एंटरटेनमेंट (इन श्रेणियों में भी कोई बुराई नहीं) की आदत वाली आम जनता को अगर उनकी आदत के अलावा कुछ परोसें तो सीमित अपेक्षा ही रखें। स्वयं से मुग्ध हुए बिना अपना अवलोकन करें, अगर आप ऐसा कर पाते हैं तो अपने सबसे सहायक समीक्षक आप खुद बन जाएंगे।
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