प्रण होते है
प्रण होते है जब अटल तो,
हर चुनौती विजयी किया करते है।
सूरज की तपिश से क्या ही होता है?
वे सूरज से आग उधार लिया करते है।
स्वर्णिम रेख सी माथे पर झलकती है,
किस्मत भी अपने आयास से पलटते है।
“गम्भीर प्रति पग के लिए”
समय के भी हर आयाम का मोल दिया करते है।
प्रण होते है जब अटल तो,
हर चुनौती विजयी किया करते है।
मधुबन का मोह हुआ करता नहीं उनको,
बंजर जमीन को भी अंकुरित किया करते है।