Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Feb 2017 · 1 min read

प्रणय

“प्रणय निवेदन”

करता हूं,
तुमसे अपने ह्रदय का,
“प्रणय निवेदन”.
आ जाओ मेरी इस,
जीवन सरिता मेँ,
कविता रुपी धारा बनकर।
आ जाओ मेरी,
जीवन की बगिया मेँ,
खुशबू बिखेरने।
मेरे ह्रदय के सूने आँगन मेँ,
अपने ह्रदय का प्यार उडेलने।
आ जाओ मेरी तन्हाइयों को….दूर करने।
आ जाओ मुझे, रोमाँचित…और पुलकित करने।
आ जाओ मुझे अपने आप में….
समाहित करने।
आ जाओ मेरी साँसों को..महकाने।
तुम्हारे अपनत्व और अपनेपन से….
सराबोर हो जाना चाहता हूँ…मैं।
मैं..मैं नहीं…मैं
तुम मय हो जाना चाहता हूँ………

942 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
प्राप्त हो जिस रूप में
प्राप्त हो जिस रूप में
Dr fauzia Naseem shad
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Neelofar Khan
जश्न आजादी का ....!!!
जश्न आजादी का ....!!!
Kanchan Khanna
मैं अपने जीवन की एक कहानी,तुमको,तुमको सुनाता हूँ
मैं अपने जीवन की एक कहानी,तुमको,तुमको सुनाता हूँ
gurudeenverma198
उम्मीद बाक़ी है
उम्मीद बाक़ी है
Dr. Rajeev Jain
छोड़ जाऊंगी
छोड़ जाऊंगी
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
चक्रवृद्धि प्यार में
चक्रवृद्धि प्यार में
Pratibha Pandey
हर रोज वहीं सब किस्से हैं
हर रोज वहीं सब किस्से हैं
Mahesh Tiwari 'Ayan'
मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
Anand Kumar
*माटी कहे कुम्हार से*
*माटी कहे कुम्हार से*
Harminder Kaur
गिनती
गिनती
Dr. Pradeep Kumar Sharma
" प्रेम का अन्त "
Dr. Kishan tandon kranti
तर्जनी आक्षेेप कर रही विभा पर
तर्जनी आक्षेेप कर रही विभा पर
Suryakant Dwivedi
जब टूटा था सपना
जब टूटा था सपना
Paras Nath Jha
चलो मनाएं नया साल... मगर किसलिए?
चलो मनाएं नया साल... मगर किसलिए?
Rachana
सांस के बारे में
सांस के बारे में
Otteri Selvakumar
बाल कविता: मेरा कुत्ता
बाल कविता: मेरा कुत्ता
Rajesh Kumar Arjun
"दर्पण बोलता है"
Ekta chitrangini
3753.💐 *पूर्णिका* 💐
3753.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
काव्य का आस्वादन
काव्य का आस्वादन
कवि रमेशराज
तिरंगा
तिरंगा
लक्ष्मी सिंह
कुदरत और भाग्य के रंग..... एक सच
कुदरत और भाग्य के रंग..... एक सच
Neeraj Agarwal
।।
।।
*प्रणय*
मच्छर
मच्छर
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
यूं ही नहीं मिल जाती मंजिल,
यूं ही नहीं मिल जाती मंजिल,
Sunil Maheshwari
'सर्वे नागा: प्रीयन्तां मे ये केचित् पृथ्वीतले। ये च हेलिमरी
'सर्वे नागा: प्रीयन्तां मे ये केचित् पृथ्वीतले। ये च हेलिमरी
Shashi kala vyas
🌹थम जा जिन्दगी🌹
🌹थम जा जिन्दगी🌹
Dr .Shweta sood 'Madhu'
हज़ल
हज़ल
प्रीतम श्रावस्तवी
**मन मोही मेरा मोहिनी मूरत का**
**मन मोही मेरा मोहिनी मूरत का**
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
हम अकेले अनमने से हो गये.....!!
हम अकेले अनमने से हो गये.....!!
पंकज परिंदा
Loading...