“प्रणय-डगर आमंत्रण देती,
“प्रणय-डगर आमंत्रण देती,
दिल बोले तो बढ़ लेना।
ख़त लिख के रख दिया सिरहाने,
आँख खुले तो पढ़ लेना।।”
😊प्रणय प्रभात😊
“प्रणय-डगर आमंत्रण देती,
दिल बोले तो बढ़ लेना।
ख़त लिख के रख दिया सिरहाने,
आँख खुले तो पढ़ लेना।।”
😊प्रणय प्रभात😊