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1 Aug 2024 · 1 min read

“प्रणय-डगर आमंत्रण देती,

“प्रणय-डगर आमंत्रण देती,
दिल बोले तो बढ़ लेना।
ख़त लिख के रख दिया सिरहाने,
आँख खुले तो पढ़ लेना।।”

😊प्रणय प्रभात😊

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