प्रणय गीत —
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प्रणय प्यासी,विरह दासी,
पिया गरवा, लगाओ जी।
अधर मधुपान रस करके,
तपन विरहन मिटाओ जी।
चली आओ,चली आओ…..
मधुर वो गीत गाओ जी…..
गंवाया चैन मद प्यासी,
नशे में डूब जाओ जी।
करो फिर जोर जोरी तुम,
मदन क्रीड़ा खिलाओ जी।
चली आओ,चली आओ…..
मधुर वो गीत गाओ जी…..
जला जाता सजन तन मन,
यतन कोई सुझाओ जी।
हुई रजनी उजासी सुन,
मिरे सपने,सजाओ जी।
चली आओ,चली आओ…..
मधुर वो गीत गाओ जी…..
नीलम शर्मा ✍️