“ प्रजातन्त्र का सम्मान “
डॉ लक्ष्मण झा “परिमल ”
===================
हर साल ये
नेता हमें बुद्धू ,
और अनाड़ी बना रहे हैं !
चिकनी -चुपड़ी
बातें करके ,
हमको वर्षों से
बहका रहे हैं !!
हर वर्ष
नयी योजनाओं ,
का आगाज वे
करते रहते हैं !
नये -नये
पोस्टर और ,
बेनरों में प्रचार
होते रहते हैं !!
एकता की बातें
बड़े जोर से ,
हर साल
दुहरायी जाती हैं !
अपने पड़ोसिओं
पर जमके ,
तोहमतें
लगायी जाती हैं !!
किसी और की
उपलब्धियों ,
पर जमके
जश्न मानते हैं !
और फीता
उद्घाटन करके ,
अपनी पीठें
खूब थपथपाते हैं !!
विकास की गाड़ी
के पहिये ,
प्रजातान्त्रिक
मूल्यों पर चलती है!
निरंकुशता
के रथ पे चढ़के ,
कोई बात कभी
नहीं बनती है !!
मौलिक बातें को
सिर्फ चुनावी ,
रेलिओं में ही
उछाली जाती हैं !
लोगों के रोजगार ,
शिक्षा और ,
स्वास्थ्य की बातें
की जाती है !!
पर व्यवस्था
के नाम पर सब,
कुछ सारा
अधूरा दिख रहा है !
गरीबी ,मंहगायी
और पलायन ,
सब चारों तरफ
ही फैल रहा है !!
किसानों के बल
पे ही हम सब ,
सदिओं से
इतराते इठलाते हैं !
पर उनकी जायज
मांगों को ही ,
कितने महीनों से
ही ठुकराते हैं !!
प्रजातन्त्र में
सबकी भागीदारी है ,
प्रजा का ही
तुम सम्मान करो !
सेवक हैं हमसब
जनता के सारे ,
मन से सदा ही
सबका मान करो !!
आज हम है
हमें लोग याद करेंगे ,
युग -पुरुष हमको
सभी कहते रहेंगे !
निस्वार्थ भाव से
प्रजातन्त्र का सम्मान
आप करते रहेंगे
इतिहास के युग पुरुष
बनकर रहेंगे !!
================
डॉ लक्ष्मण झा “परिमल ”
साउंड हेल्थ क्लिनिक
एस ० पी ० कॉलेज ० रोड
दुमका
झारखण्ड
भारत