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1 Dec 2018 · 1 min read

प्रजातंत्र सब्जी मंडी में

चाहे चुनो सड़ा आलू तुम
या मिट्टी का गोभी
चुनो प्लास्टिक का बैंगन या
मटर रबड़ की तो भी

चयन किसी का किसी दशा में
होगा सही, असम्भव
कोई ऐसा वीर नहीं जो
सन्धाने युग-अजगव

हैं बातों के बादशाह सब
आलू मटर टमाटर
अपनी अपनी डींग हाँकते
मूली मिर्चा गाजर

प्रजातंत्र सब्जी मंडी में
हर सब्जी प्रत्याशी
कोई खड़ा अयोध्या से है
कोई पहुँचा काशी

हर सब्जी शातिर चुनाव में
जोर लगाए डटकर
चुनने वाला सम्भ्रम में है
बना हुआ घनचक्कर ।

© महेश चन्द्र त्रिपाठी

Language: Hindi
2 Comments · 591 Views
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