प्रगति पथ पर बढ़ते जाओ
प्रगति पथ पर बढ़ते जाओ,
पर मानवता की डोर ना छूटे!!
‘उस’ ओर पहुंचने की चाहत में
तुमसे तुम्हारा इस ओर ना छूटे!!
हमारा उम्र भर का साथ जो ठहरा,
बिछड़कर दोनों की सांस ना टूटे!!
वो धड़कन बनके दिल में उतर आया,
प्यार की हसरत में उसका दिल ना टूटे!!
दिल ने मेरे इश्क़ का जो फ़रेब किया,
चाहतें, हसरतें सच्ची मगर ख़्वाब हैं झूठे!!
©️ डॉ. शशांक शर्मा “रईस”