प्रकृति : मजा या सजा
आजकल दिन में
एक ही
परेशानी होती है,
सिर्फ गर्मी से !
किन्तु रात में
परेशानी का कारण
कम से कम
तिगुनी हो जाती है-
गर्मी, मच्छर
और अंधकार!
सम्पूर्ण शरीर में
‘घमौरी’ ने
बारूदी सुरंग
बना डाले हैं
कि अब नोचूं
या कब !
आजकल ‘दिन’
बारिश
और घमौरीवाली
गर्मी से
फिर ‘रात’
बिजली कटने से
अंधकार,
मच्छर,
जलताप की
किचकिच से
कट रहे हैं.
प्रकृति माने
मजा या सजा !