प्रकृति चित्रण
ये देखो प्रफुल्लित हुआ मन,
उल्लसित हुआ जड़ चेतन,
बसंत की बहार छाई है हर तरफ,
आह्लादित हुआ देख के नयन।
सरसों की पीली फलियां लगे सुहावन,
बागों में आम के मंजर लगे मनभावन,
कोयल पपीहे की कूक मिश्री घोलती,
प्रकृति की छटा लगे बड़ी ही पावन।
खेतों में गेहूँ की लटकी बाली,
फूल लगे है हर एक डाली,
बसंती बयार जो बहे हर तरफ,
छाये गालों पर है लाली।
हंसवाहिनी के आगमन का उत्सव है,
प्रेमी से मिलन का मन मे हलचल है,
प्रेम का फुहार लेकर आया बसंत है,
झूम उठे मन मयूर खुशी से पल पल है।