प्रकृति की सुंदरता” (Beauty of Nature):
प्रकृति की सुंदरता
प्रकृति की सुंदरता, अनंत विलास है, पहाड़ों से लेकर मैदानों तक विख्यात है। वनों की चादर बिखेरी हर तरफ़, नदियों की लहरें गाती हैं विलाप।
हरा-भरा पेड़, गुलाबी फूलों की माला, मंदहास के संगीत का प्रशंसा करती है। चिड़ियों की छह छहांव में बसा शोर है, मन को भाती है इसकी सुंदरता का धोर है।
प्रकृति की सुंदरता वर्षा के बूंदों में है, गहरे नीले आकाश में छिपी है। बादलों की देवदारी ने छाया हैंसी छपाई, धरती को सजा रही हैंसी के रंगों से सजाई।
प्रकृति की सुंदरता, ब्रज की रासलीला है, पक्षियों की कथा कहानी सुनाती है। गंगा के तीर पर बैठे साधुओं की तपस्या, मन को भाती है इसकी शांति का नगरी माया।
प्रकृति की सुंदरता, सृष्टि की मधुर रचना है, सौंदर्य का प्रभाव विश्व को भोलाता है। हर जीवित प्राणी को देती है जीने का अधिकार, प्रकृति की सुंदरता, वातावरण की अमर ख़ज़ान है।