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22 Apr 2021 · 1 min read

प्रकृति की पीड़ा

बढता हुआ यह कोरोना एक सबक दे रहा है
यह बदलता हुआ वक्त एक आदेश दे रहा है
ना करना कभी प्रकृति के साथ खिलवाड़
जीवन में एक यह कड़ा आदेश मिल रहा है
है मुश्किल घड़ी अब
जरा संभल के चल तू अब
आज खुली हवा में सांस लेना भी कितना दूबर हुआ है अब
ना कटते पेड़ तो और रखते अपनी प्रकृति का ख्याल
तो शायद ना होता यह अपने लोगों का हाल
यह सजा है अपनी गलतियों की
अब तो संभल जा अब तो सुधर जा
हे इंसानकरले अब से यह खुद से प्रण
ना होगा यह दोबारा कभी ना होगी यह गलती कभी
हे प्रभु अब समेट लो यह आई विपदा सारी
दूर करो यह कष्ट प्रभु मिटादो यह कोरोना बीमारी

** नीतू गुप्ता

Language: Hindi
1 Like · 483 Views
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