Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Mar 2023 · 1 min read

*प्रकृति का नव-वर्ष 【घनाक्षरी】*

प्रकृति का नव-वर्ष 【घनाक्षरी】
■■■■■■■■■■■■■■■■■■
पीली-पीली पत्तियाँ समस्त झड़ चुकीं अब
पेड़ों की सुकोमल नवीन छवि आ गई
जाड़ों का न कहर हवा में रहा लेश-मात्र
मौसम में जैसे एक मस्ती-सी छा गई
थिरक रहा है मन नर्तन कर रहा
बोली हास-परिहास वाली अब भा गई
आई कुदरत बोली सबसे मनाओ मौज
नया साल सबको मुबारक सुना गई
—————————————————
रचयिता : रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451

377 Views
Books from Ravi Prakash
View all

You may also like these posts

ले चल पार
ले चल पार
Sarla Mehta
कब तक बरसेंगी लाठियां
कब तक बरसेंगी लाठियां
Shekhar Chandra Mitra
तितली और कॉकरोच
तितली और कॉकरोच
Bindesh kumar jha
ग़ज़ल:- रोशनी देता है सूरज को शरारा करके...
ग़ज़ल:- रोशनी देता है सूरज को शरारा करके...
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
शीर्षक -आँख क्यूँ नम है!
शीर्षक -आँख क्यूँ नम है!
Sushma Singh
हिन्दू मुस्लिम करता फिर रहा,अब तू क्यों गलियारे में।
हिन्दू मुस्लिम करता फिर रहा,अब तू क्यों गलियारे में।
शायर देव मेहरानियां
ग़ज़ल __आशिकों महबूब से सबको मिला सकते नहीं ,
ग़ज़ल __आशिकों महबूब से सबको मिला सकते नहीं ,
Neelofar Khan
भारत का सामार्थ्य जब भी हारा
भारत का सामार्थ्य जब भी हारा
©️ दामिनी नारायण सिंह
प्यार क्या होता, यह हमें भी बहुत अच्छे से पता है..!
प्यार क्या होता, यह हमें भी बहुत अच्छे से पता है..!
SPK Sachin Lodhi
गीत- किसी से प्यार हो जाए...
गीत- किसी से प्यार हो जाए...
आर.एस. 'प्रीतम'
अजनबी सा सफ़र
अजनबी सा सफ़र
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
शुक्र है, मेरी इज्जत बच गई
शुक्र है, मेरी इज्जत बच गई
Dhirendra Singh
"तुम्हारे शिकवों का अंत चाहता हूँ
गुमनाम 'बाबा'
लेखनी
लेखनी
Dr. Kishan tandon kranti
*आदत*
*आदत*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
Modular rainwater harvesting
Modular rainwater harvesting
InRain Construction Private Limited
Perhaps the most important moment in life is to understand y
Perhaps the most important moment in life is to understand y
पूर्वार्थ
किताब-ए-जीस्त के पन्ने
किताब-ए-जीस्त के पन्ने
Neelam Sharma
“बारिश और ग़रीब की झोपड़ी”
“बारिश और ग़रीब की झोपड़ी”
Neeraj kumar Soni
अहंकार
अहंकार
Rambali Mishra
जाने के बाद .....लघु रचना
जाने के बाद .....लघु रचना
sushil sarna
किसी काम को करते समय मजा आनी चाहिए यदि उसमे बोरियत महसूस हुई
किसी काम को करते समय मजा आनी चाहिए यदि उसमे बोरियत महसूस हुई
Rj Anand Prajapati
सेवा का महिमा
सेवा का महिमा
Mukund Patil
मस्त बचपन
मस्त बचपन
surenderpal vaidya
पास फिर भी
पास फिर भी
Dr fauzia Naseem shad
Acrostic Poem- Human Values
Acrostic Poem- Human Values
jayanth kaweeshwar
.....*खुदसे जंग लढने लगा हूं*......
.....*खुदसे जंग लढने लगा हूं*......
Naushaba Suriya
तुम
तुम
Tarkeshwari 'sudhi'
तलाश
तलाश
Vandna Thakur
3074.*पूर्णिका*
3074.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Loading...