प्रकृति इस कदर खफा हैं इंसान से
आग बरस रही है
आसमान से
प्रकृति इस कदर खफा हैं
इंसान से
बराबर का हक चाहिए
आदमी को
आदमी कि बड़ी चाहत है
भगवान से
फुल को दुश्मनी मोल नहीं लेनी चाहिए
बागवान से
पर यही गलती हो गयी है
आज के इंसान से
आग बरस रही है
आसमान से
प्रकृति इस कदर खफा हैं
इंसान से
बराबर का हक चाहिए
आदमी को
आदमी कि बड़ी चाहत है
भगवान से
फुल को दुश्मनी मोल नहीं लेनी चाहिए
बागवान से
पर यही गलती हो गयी है
आज के इंसान से