प्रकाश परब
हम परब के
अपना लेखा
बना लैय छीयै।
प्रकाश परब के
धन के
परब बनाबै छीयै।
स्वच्छता स्वास्थ्य के
धन के
लेल जरूरी छीयै।
इ मन के
सफाई के
लेल परब छीयै।
इ मन के
उपर विजय के
लेल उत्सव छीयै।
आउ मन के
अंदर के
रामा दीप जलावै छीयै।
स्वरचित © सर्वाधिकार रचनाकाराधीन।
-आचार्य रामानंद मंडल सामाजिक चिंतक सीतामढ़ी।